क्रिप्टोकरंसी बाजार इन दिनों बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। पिछले कुछ सालों यह बाजार बहुत ही तेजी से बढ़ रहा था, वहीं अब इसमें काफी उतार चढ़ाव आ रहे हैं। कुछ साल पहले तक लोग इसके बारे में ज्यादा नहीं जानते थे, लेकिन अब करोड़ों लोग इसमें पैसा लगा चुके हैं। खास तौर पर बिटकॉइन और एथेरियम जैसी बड़ी क्रिप्टोकरंसी ने निवेशकों को शानदार मुनाफा भी दिया है। लेकिन अब इस बाजार में बदलाव देखने को मिल रहे हैं। क्रिप्टोकरंसी में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं। इसमें बदलाव ग्लोबल आर्थिक हालत, सरकार के नए नियम और निवेशकों की बदलती रणनीतियों के कारण होता है।
हाल ही, में डोनाल्ड ट्रंप ने क्रिप्टो बाजार को लेकर कुछ ऐसे कदम उठाए हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने एक ऐसा फैसला लिया, जिससे पूरी क्रिप्टो दुनिया को झंझोर कर रख दिया है। उन्होंने बिटकॉइन, एथेरियम, एक्सआरपी सोलाना और कार्डनो दोनों को अमेरिका के स्ट्रैटेजिक रिजर्व में शामिल करने की घोषणा की है। इस निर्णय से निवेशको केवल नए अवसर मिलेंगे, बल्कि क्रिप्टो बाजार को एक नई ऊंचाई भी मिलेगी। इसके अतिरिक्त, एथेरियम 2,482 पर पहुंच गया था, जबकि XRP में 38%, सोलाना में 20% और कार्डनो में 78% की बढ़ोतरी दर्ज हुई थी। इस घोषणा के बाद से विश्व बाजार में एक हलचल मच गई है और निवेशक इस बदलाव को लेकर बहुत उत्सुक है।
क्रिप्टो बाजार में तेजी के पीछे का कारण
क्रिप्टोकरंसी बाजार में तेजी जब आती है, जब इसके पीछे कुछ खास कारण या रणनीतियां होती है। ये रणनीतियां बड़ी कंपनियां, निवेशको और बाजार विशेषज्ञों के कारण होती है। ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से बताया है कि उनके जनवरी के कार्यकारी आदेश के अंतर्गत एक नया डिजिटल एसेट रिजर्व बन रहा है। इस रिजर्व में मुख्य रूप से बिटकॉइन और एथेरियम को शामिल किया जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस रणनीति के पीछे ट्रंप को यह सुनिश्चित करना है कि अमेरिका क्रिप्टोकरंसी के क्षेत्र में नेतृत्व बना रहे। इस फैसले का मुख्य उद्देश्य यह है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना और क्रिप्टोकरंसी को वित्तीय प्रणाली का एक हिस्सा बनाना है। जब बड़ी कंपनियों और ग्लोबल फंड्स क्रिप्टो में पैसा लगाना शुरू करते हैं, तो यह आम निवेशको का भरोसा बढ़ाते है, जिससे बाजार में तेजी आने लगती है। जब कोई नई क्रिप्टोकरंसी लॉन्च होती है या किसी ब्लॉकचेन पर बाद अपडेट आता है, तो निवेशको की दिलचस्पी बढ़ जाती है और बाजार में तेजी आ जाती है।
एक बड़ा सवाल यह बन गया है कि इस रणनीति को अपनाने के लिए आवश्यक पैसे कहां से आएंगे। कुछ विशेषज्ञों ने कहा है कि इसके लिए सरकारी कृषि का उपयोग कर सकते हैं जबकि कुछ विशेषज्ञों का यह मानना है कि पैसे सरकारी जब्ती में आई क्रिप्टो संपत्तियों से लिया जा सकता है। IG मार्केट एनालिस्ट टोनी सायकमोर के अनुसार, “इस घोषणा से बाजार को सकारात्मक संकेत जरूर मिला है, लेकिन इसकी असली प्रकृति और फंडिंग को लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है।”
क्रिप्टो बाजार क्या नई ऊंचाइयों को छू सकेगा
क्रिप्टोकरंसी बाजार ने पिछले कई सालों में उतार-चढ़ाव देखे हैं। कभी यह रिकॉर्ड ऊंचाइयों पर पहुंचा है तो कभी इसमें बड़ी गिरावट भी आई है। अगर अमेरिका, यूरोप, भारत जैसे बड़े देश क्रिप्टो को लेकर पॉजिटिव नियम बनाते हैं, तो इससे निवेशको का भरोसा बढ़ जाएगा और बाजार में नया जोश आएगा। यह क्रिप्टो को नहीं ऊंचाइयों पर ले जा सकता है।
ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने की संभावना से क्रिप्टो निवेशको के बीच में आशाओं की उम्मीद बनी है। विशेषज्ञ को यह उम्मीद है कि ट्रंप प्रशासन क्रिप्टो फ्रेंडली नीतियों को आगे ले जाएगा, जिससे बिटकॉइन और अन्य डिजिटल मुद्राओं को कानूनी मान्यता भी मिल सकती है। इस घोषणा के बाद भी निवेशको को सतर्क रहने की सलाह दी है क्योंकि बाजार में उतार चढ़ाव बना रहता है। आगे आने वाले हफ्तों में व्हाइट हाउस क्रिप्टो समिट से और स्पष्टता मिलने की उम्मीद है, जो यह है निश्चित करेगी कि यह तेजी से कितनी देर तक जारी रहेगी।
व्हाइट हाउस क्रिप्टो समिट
हाल ही में व्हाइट हाउस में एक बैठक हुई है, जिसे क्रिप्टो समिट का नाम दिया गया था। इस समिट में अमेरिका के टॉप अधिकारी, फाइनेंस एक्सपर्ट्स और क्रिप्टो इंडस्ट्री के बड़े नेता शामिल हुए थे। इस बैठक का मकसद यह था कि क्रिप्टो करेंसी के भविष्य पर चर्चा करना और इसके लिए मजबूत नियम कानून बनाना। ट्रंप प्रशासन शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण क्रिप्टो समिट आयोजन करने जा रहा है, जिसमें क्रिप्टोकरंसी से जुड़ी नीतियों पर चर्चा होने वाली है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह समिट क्रिप्टो बाजार की दिशा तय करने वाली है। क्रिप्टो बाजार को लेकर काफी समय से अनिश्चितता बनी हुई है। इस घोषणा के बाद निवेशको का विश्वास और बढ़ गया है। इस समिट में क्रिप्टो करेंसी के नियमन, टैक्स पॉलिसी और सरकारी स्तर पर क्रिप्टो संपत्तियों के प्रबंधन से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर विचार किया जाएगा।
ऑस्ट्रेलिया ब्रोकरेज फर्म के हेड ऑफ़ रिसर्च क्रिस वेस्टर्न ने कहा, “ट्रंप प्रशासन का यह कदम क्रिप्टो बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, जो इसे मंडी के दौर से बाहर निकलने में मदद करेगा।”